Friday 26 January 2018

इंटरनेट पत्रकारिता

   इंटरनेट पत्रकारिता इंटरनेट पर समाचारों का प्रकाशन या आदान-प्रदान इंटरनेट पत्रकारिता   कहलाता है। इंटरनेट पत्रकारिता दो रूपों में होती है। प्रथमसमाचार संप्रेषण के लिए नेट का प्रयोग   करना । दूसरारिपोर्टर अपने समाचार को ई-मेल  द्वारा अन्यत्र भेजने  व  समाचार को संकलित   करने  तथा  उसकी सत्यताविश्वसनीयता सिद्ध करने तथा उसकी सत्यता,विश्वसनीयता सिद्ध   करने  के लिए करता है।

   इंटरनेट पत्रकारिता का इतिहास
  विश्व-स्तर पर इंटरनेट पत्रकारिता का विकास निम्नलिखित चरणों में हुआ-
    (प्रथम चरण------- १९८२ से १९९२
    (द्वितीय चरण------- १९९३ से २००१
    (तृतीय चरण------- २००२ से अब तक
 भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का पहला चरण १९९३ से तथा दूसरा चरण  २००३ से शुरू माना   जाता  है। भारत में सच्चे अर्थों में वेब पत्रकारिता करने वाली साइटें ' रेडीफ्फ डॉट कॉम', इंडिया   इफ़ोलाइन' व 'सीफ़ी' हैं । रेडीफ्फ को भारत की पहली साइट कहा जाता है ।  वेब साइट पर   विशुद्ध  पत्रकारिता  शुरू करने का श्रेय  'तहलका डॉट्कॉम' को जाता है।
 हिंदी में नेट पत्रकारिता 'वेब दुनिया' के साथ शुरू हुई। यह हिन्दी का संपूर्ण पोर्टल है।  प्रभा साक्षी   नाम का अखबार  प्रिंट रूप में न होकर सिर्फ़ नेट पर ही उपलब्ध है। आज पत्रकारिता के लिहाज   से हिन्दी की सर्व श्रेष्ठ साइट बीबीसी की है, जो इंटरनेट के मानदंडों के अनुसार चल रही है।   हिन्दी वेब जगत में 'अनुभूति', अभिव्यक्ति, हिन्दी नेस्ट, सराय आदि साहित्यिक पत्रिकाएँ भी   अच्छा काम कर रही हैं।  अभी हिन्दी वेब जगत की सबसे बडी़ समस्या मानक की बोर्ड तथा फ़ोंट   की है । डीजिटल इंडिया की बदौलत भारत में भी इंटरनेट तेजी से फ़ैल रहा है और हर रोज़ हज़ारों   लोग नेट पत्रकारिकता की ओर रुख़ कर रहे हैं
 मोबाइल एप्लीकशन का दौर 
 नेट पत्रकारिकता के दौर में सबसे बड़ा बदलाव मोबाइल और मोबाइल एप्लीकेशन्स की वजह से   हुआतमाम अखबारों के मोबाइल एप्लीकेशन्स को मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है, साथ ही   तमाम ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल भी अब मोबाइल में आसानी से ऍप्लिकेशन्स के रूप में इस्तेमाल   किए जाने लगे हैं














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