चित्रात्मक लेखन एक ऐसी लेखन कला है जिसमे हम शब्दों के इस्तेमाल
की जगह चित्रों को शब्दों का रूप देते हैं. किसी महान लेखक ने कहा है, एक चित्र हजार
शब्दों से ज्यादा शशक्त है. उसी तरह अगर शब्दों के इस्तेमाल के बजाय चित्रों का इस्तेमाल
हो तो एक नज़र में भाव स्पष्ट हो जाता है. मान लीजिए अगर कोई व्यक्ति किसी कारण ऐसी
किसी जगह पहुंच जाता है जहाँ की भाषा उसे नहीं आती, तब अगर उसे अपने भाव व्यक्त करना
हो तो वो किसी बात को समझने के लिए चित्रो का उपयोग कर सकता है. जैसे अगर उसे भूख लगी
हो तो वो खाने का एक चित्र बना कर किसी भी व्यक्ति को दखाए तो वह व्यक्ति उसे रेस्टोरेंट का रास्ता दिखा देगा
और इसी तरह अगर किसी व्यक्ति को कोई भाषा न भी आती हो तो वो चित्रात्मक लेखन का प्रयोग
कर सकता हैं.
चित्रात्मक लेखन की विशेषताएं
1 भाषा का ज्ञान न हो तो भी सन्देश का सम्प्रेक्षण किया जा सकता
है
2 सन्देश लिखना और समझना ज्यादा सरल है
3 मूक बाहिर के लिए चित्रात्मक लेखन एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता
है
4 एक नज़र में सन्देश को समझा जा सकता है
5 समय के आभाव में चित्रात्मक लेखन एक अच्छा विकल्प है
चित्रात्मक लेखन का प्रयोग :
1 सडको पर यातायात के नियमों को समझने के लिए
2 भीड़ भाड़ वाले इलाको में , जैसे रेलवे स्टेशन पर
3 शौचालयों के लिए
4 छोटी उम्र के बालकों को पढ़ाने के लिए
5 बुजुर्गों और काम पढ़े लिखे लोगों के लिए
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